Rules and Regulation

अनुशासन सफलता की कुंजी है, इसके महत्व को समझते हुए अभिनव विद्यालय,नारायणपुर देवा, बिलारी ने अपने विद्यार्थियों को अनुशासित करने के लिए जो नियम बनाये है, उन नियमों को बच्चों द्वारा ही बच्चों से व्यवहारित कराया जाता है।

हमारे विद्यालय ने अपने सफल संचालन के लिए विद्यालय के विद्यार्थियों को भी इसमें सहभागी बनाया है। इसके लिए विद्यालय ने आंतरिक लोकतंत्र को अपनाया है अर्थात् विद्यालय के अनुशासन को बनाये रखने के लिए बच्चों की ही कमैटी बनायी गई है, जिससे बच्चे गुप्त मतदान के माध्यम से चुनते है। चूंकि अनुशासन बनाये रखने के लिए चयनित छात्र/छात्राएं लोकतांत्रिक रूप से चयनित है, इसलिए सब बच्चे सहर्ष उन्हें सहयोग करने है और बडी ही सुगमता से सफलतापूर्वक विद्यालय में नियमों का अनुपालन होता रहता है और विद्यालय में अनुशासन कायम रहता है।

बच्चों के साथ-साथ विद्यालय में कार्यरत समस्त शौक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी अनुशासन का अनुपालन करते है।

विद्यालय से सम्बन्धित कुछ प्रमुख नियम निम्नानुसार हैः-
1. विद्यालय का मुख्य द्वार छात्र/छात्राओं एवं समस्त स्टाफ के लिए ग्रीष्मकाल में प्रातः 08ः00 बजे एवं शीतकाल में प्रात ठीक 09ः00 बजे बन्द हो जाता है। विद्यालय अनुशासन के मामले में छात्र/छात्राओं एवं स्टाफ सभी को समान मानता है।
2. प्रत्येक विद्यार्थी को विद्यालय गणावेश में आना अनिवार्य है।
3. प्रातः वंदना के समय सभी शिक्षक एक सुविचार बच्चों को प्रतिदिन सुनाते है, ताकि बच्चों में नैतिक मूल्यों का भी सृजन हो।
4. प्रातः वंदना में प्रतिदिन एक विद्यार्थी उस दिन के अखबार के मुख्य समाचार पढ़कर सुनाता है ताकि बच्चे देश-विदेश में हो रही घटनाओं के प्रति खुद को सजग रख सकें।
5. प्रतिमाह कम से कम दो बार पी0टी0ए0 मीटिंग का आयोजन किया जाता है जिसमें प्रत्येक विद्यार्थी के माता-पिता/अभिभावक का आना अनिवार्य है।
6. भोजनकाल के दौरान विद्यार्थी भोजनकक्ष में ईश्वर वंदना करने के पश्चात ही भोजन ग्रहण करते हैं।
7. छुट्टी के समय विद्यालय में राष्ट्रगीत के पश्चात ही बच्चों को घर भेजा जाता है।
8. प्रार्थना-सभा, मध्यावकाश एवं छुट्टी के समय छात्र/छात्रा स्वयं ही अपने हाऊस (सदन) के अनुसार ड्यूटी करते हुए स्कूल में व्यवस्था बनाये रखते है।
9. यदि विद्यालय का कोई बच्चा किसी पौधे को नुकसान पहुंचाता है, तो उस बच्चे को 05 पौधे लगाने होते है एवं उन पौधों की देखभाल भी करनी होती है।
10. प्रत्येक छात्र एवं छात्रा को विद्यालय के किसी सदन (जस्टिस हाउस, लिबर्टी हाउस, फ्रेटरनिटी हाउस, इक्वेलिटि हाउस) का सदस्य होना अनिवार्य है।